Stop answering immediately! तुरंत जवाब देना बंद करो।

एक बार मैंने American President Bill Clinton के बारे में एक कहानी सुनी। वो एक Policy Expert थे। जब भी कोई वोटर उनसे कोई सवाल पूछता, तो उनके पास हमेशा जवाब होता था।

फिर उनके advisor ने उन्हें एक सलाह दी – तुरंत जवाब देना बंद करो।

पर ऐसा क्यों?

टॉम हॉपकिंस अपनी बुक “How to Master the Art of Selling” में कहते हैं की जब आप अपने कमरे में जाते हैं और गलती से आपका पैर आपकी बिल्ली की पूंछ पर पड़ जाता है, तो बिल्ली का एक तुरंत रिएक्शन देखने को मिलता है। अगर आप उस बिल्ली के रिएक्शन की तरह ही किसी सवाल का जवाब बहुत तेज़ी से दे देते हैं, तो सामने वाले को लगता है कि आप इस सवाल का जवाब पहले से तैयार करके और रट कर आये हैं। कि आप बहुत चालाक हैं।

इसीलिए अगली बार अगर आपको जवाब पहले से आता भी हो तो भी रुक जाएँ, थोड़ा सोचें, और फिर जवाब दें।

रुक कर सोचने से या ऐसा दिखाने से लोगों को लगेगा कि आप सोच समझकर उनके सवाल का जवाब दे रहे हैं। कि उस समय में आप उनके सवाल का सबसे बेहतर जवाब ढूंढ रहे हैं। कि आप जवाब का रट्टा लगाकर नहीं आये हैं।

तो अगली बार जब आपसे कोई सवाल पूछा जाये तो तुरंत जवाब देने की बजाये रुक जाए, 5 या 10 तक count करें, और फिर जवाब दें। दूसरे शब्दों में कहूं तो बिल्ली मत बनिए।

ऐसे करने से आपका charisma instantly बढ़ जायेगा, लोग आपकी बातो को ध्यान से सुनेंगे, और आपकी बात पर यकीन आसानी से करेंगे, और आपको ज्यादा पसंद करेंगे।

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