मैंने बहुत पहले एक book पढ़ी थी। उसमे एक सवाल पूछा गया था कि “समझदार कौन है?”
जवाब: “जो अपने किये कामो के भविष्य फल यानी future consequences को देख और समझ सकता है।”
समझदार कौन है?
वो जो चॉकलेट केक खाने से पहले, उसे खाने से होने वाले भविष्य फल / future consequences को देख सके।
और वो जो ये देख सके की भले ही काम करने या पढ़ने का मन न हो, फिर भी बैठकर मेहनत से अपने काम या पढ़ाई को पूरा करने से उसका भविष्य फल क्या होगा.
समझदार कौन है?
वो इंसान जो immediate दुःख तकलीफ बोरियत से आगे, समय के telescope से, उसके अभी किये गए कामो के भविष्य में होने वाले परिणाम देख सके और समझ सके।
तो अपने behaviour को चेंज करके improve करने के लिए एक आसान तरीका…जब भी तुम्हे कोई काम करना हो जो तुम्हे पता है की तुम्हे करना चाहिए पर तुम्हारा मन नहीं कर रहा हो वो काम करने का, तो अपने समय के telescope को बाहर निकालो और उससे देखो की अगर तुम ये काम नहीं करोगे तो तुम्हे भविष्य में क्या लाभ होंगे।
I repeat – समय के telescope से देखो की ये काम नहीं करने के क्या फायदे भविष्य में तुम्हे होंगे।
ज़्यादातर लोग “आज के telescope” से सब कुछ देखते हैं।ज़िन्दगी उन लोगों के लिए बेहतरीन हो जाती है जो समय के telescope से देखते हैं।